संस्कृति


मित्रो,
उत्तराखंड अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिए जाना जाता है. जीवन यापन की कठिन परिस्थितियों के बीच जीते  सहज, सरल लोग विकास की आधुनिक परिभाषा को, जहाँ बाजार ही एकमात्र सच हैअभी ठीक से समझ भी न पाए कि उत्तराखंड की अनमोल प्राकृतिक सम्पदा को, जल, जंगल, जमीन को  लूटने की साजिशें चरम पर  हैं ...
पहाड़ की जनता  आजीविका के लिए अक्सर पलायन के लिए मजबूर हुयी है . मगर उनके गीत, बोलीशादी -ब्याह, खान-पान की विशिष्ट परम्पराएँ और पहाड़ की गंध समेटे अनगिनत स्मृतियाँ जीवन भर उन्हें अपने आगोश में लिए रहती है. यही अपनापन उन्हें हमेशा पहाड़ से जोड़े रखता है  और वे जहाँ भी हों एक  विशेष जुडाव पहाड़ से महसूस करते हैं . अपने समाज, संस्कृति, परिवेश से  बेदखल होती एक बड़ी आबादी के रोटी-बेटी के रिश्ते आज भी पहाड़ से बने हुए हैं .
 मगर पहाड़ी-पन  तेजी से खो रहा है ..और सांस्कृतिक पहचान भी .
बाजार के सांस्कृतिक हमलों के बीच आप उत्तराखंड की संस्कृति पर क्या सोचते है ? आपके विचारों का स्वागत है .